हिंदी साहित्य में हरियाणा प्रदेश आज भी अधिकतर उपेक्षित ही है, हालाँकि इसकी शुरुआत बहुत दमदार थी. बाबू बालमुकुंद गुप्त यहीं से थे. ‘देस हरियाणा’ और ‘सत्यशोधक फाउंडेशन’ ने हरियाणा की साहित्यिक सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने के निमित्त सृजन यात्रा की शुरूआत की है. पानीपत में प्रख्यात शायर हाली पानीपती, रेवाड़ी के गांव गुडिय़ानी में बालमुकुंद गुप्त की हवेली, झज्झर जिला के गांव छुड़ानी में संत गरीबदास के धाम और हांसी में चार कुतुब में सूफी कवि बाबा फरीद की साधना स्थली पर ये यात्री पहुंचे.
देस-हरियाणा के उप संपादक अरुण कुमार कैहरबा ने रुचिकर रपट लिखी है देखें.