मराठी के युवा कवि रफीक सूरज की कविताएँ पहली बार हिंदी में अनूदित होकर प्रकाशित हो रही हैं. यह महती कार्य किया है भारतभूषण तिवारी ने.
मराठी कविता में एंटी स्टेबलिशमेंट की मजबूत धारा रही है जो अरुण कोलटकर, दिलीप चित्रे से होते हुए नामदेव ढसाल तक फैली है. रफीक इस साहित्य आंदोलन से प्रभावित हैं. इन कविताओं में स्थानीयता पर ज़ोर है और नाराज़गी साफ दिखती है.
भारतभूषण तिवारी ने हिंदी की अपनी प्रकृति को ध्यान में रखते हुए डूब कर इनका अनुवाद किया है.
रफीकसूरज की कविताएँ
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मराठी से हिंदी अनुवाद भारतभूषण तिवारी