समकालीन हिंदी कथा-साहित्य पर आधारित स्तम्भ –‘भूमंडलोत्तर कहानी’के अंतर्गत आशुतोष की कहानी – ‘अगिन असनान’ की विवेचना आप आज पढ़ेंगे. यह कहानी ‘सती’ के बहाने समाज के उस हिंसक सच से आपका परिचय कराती है जिसपर व्यवस्था के सभी अंग पर्दा डालना चाहते हैं. युवा आलोचक राकेश बिहारी ने इस कहानी के सामाजिक, आर्थिक आयामों को ध्यान में रखते हुए इसका विश्लेष्ण किया है. यह स्तम्भ अब पूर्णता की ओर अग्रसर है और शीघ्र ही पुस्तकाकार प्रकाश्य है.
भूमंडलोत्तरकहानी– १९
गति और ठहराव की अभिसंधि पर निर्वासित गांधी की प्रतीक्षा
(संदर्भ: आशुतोषकीकहानी‘अगिनअसनान’)