17 veen शताब्दी के महान मीमांसक, प्रत्यक्षवादी दर्शनिक स्पिनोज़ा (24 November 1632– 21 February 1677) का प्रत्यक्ष प्रभाव १८ वीं सदी के यूरोपीय पुनर्जागरण पर रहा है. उनकी कृति 'नीतिशास्त्र' (1677) का हिंदी अनुवाद आप समालोचन पर नियमित पढ़ रहे हैं. इसके दूसरे खंड का पहला हिस्सायहाँ प्रस्तुत है जो ‘चित्त की प्रकृति और उत्पत्ति के बारे में’ है. इस जटिल दार्शनिक ग्रन्थ का अनुवाद हिंदी के युवा प्रतिभाशाली लेखक-द्वय : प्रत्यूष पुष्कर, प्रचण्ड प्रवीर द्वारा किया जा रहा है.
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स्पिनोज़ा : नीतिशास्त्र - ५ – (अनुवाद : प्रत्यूष पुष्कर, प्रचण्ड प्रवीर)
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