अन्यत्र : शरद ऋतु में सिट्जेज : सुषमा नैथानी
शरद ऋतु में सिट्जेजसुषमा नैथानी __________________ बार्सीलोना से क़रीब 35किमी. की दूरी पर बसे सिट्जेज को ‘ज़्वेल ऑफ़ मेडिटरेनियन’ का ख़िताब हासिल है. शहर की पीठ ग्राफ़ नेशनल पार्क की पहाड़ियों पर टिकी...
View Articleकृष्णा सोबती : लेखन और नारीवाद : रेखा सेठी
कृष्णा सोबती की स्त्रियाँ दबंग हैं और अपनी यौनिकता को लेकर मुखर भी. पर क्या वे ‘स्त्रीवादी’ भी हैं? कृष्णा सोबती खुद को स्त्रीवादी लेखिका के रूप में नहीं देखती थीं. क्या यह सामर्थ्य खुद उसी परम्परा में...
View Articleअन्यत्र : शरद ऋतु में सिट्जेज : सुषमा नैथानी
(Pajares Art -Art for Progress, Sitges: Photo by Sushma Naithani, 2019)शरद ऋतु में सिट्जेज सुषमा नैथानी __________________ बार्सीलोना से क़रीब 35किमी. की दूरी पर...
View Articleमंगलाचार : सुशील मानव की कविताएं
‘गाय की यौनेच्छा’ से गाय को पालने वाला हर व्यक्ति परिचित है. शायद कविता में गाय अपनी इस यौन–इच्छा और मनुष्य द्वारा उसके गर्भाधान की कृत्रिमता के साथ पहली बार आ रही है अपनी पूरी पशु पालक शब्दावली के...
View Articleराकेश मिश्र की कविताएँ
राकेश मिश्र के तीन कविता संग्रह इसी वर्ष प्रकाशित हुए हैं. उनकी कवितायेँ सहज, सरल, सुबोध हैं. वे जीवन से कुछ पल और प्रसंग उठाते हैं और उन्हें शब्दों से रंग देते हैं, उनकी अपनी ही आभा दिखने लगती है....
View Articleमंगलाचार : सुशील मानव की कविताएं
‘गाय की यौनेच्छा’ से गाय को पालने वाला हर व्यक्ति परिचित है. शायद कविता में गाय अपनी इस यौन–इच्छा और मनुष्य द्वारा उसके गर्भाधान की कृत्रिमता के साथ पहली बार आ रही है अपनी पूरी पशु पालक शब्दावली के...
View Articleअग्निलीक : हृषीकेश सुलभ
उपन्यास अंशअग्निलीकहृषीकेश सुलभ रेशमा की कोठरी से निकल कर जब बाज़ार की मुख्य सड़क पर आयी गुल बानो, बाज़ार में सन्नाटा था. बिजली की रोशनी थी, पर लोगबाग नहीं थे. बीतते कातिक की बढ़ती हुई सर्दी में...
View Articleउत्तरायण (प्रचण्ड प्रवीर) : वागीश शुक्ल
आई. आई. टी. दिल्ली से रासायनिक अभियांत्रिकी में स्नातक प्रचण्ड प्रवीर हिंदी के बीहड़ लेखक हैं. उनकी कहानियों की बौद्धिक सघनता और शिल्प के नवाचार से हिंदी कहानी को एक नया मुकाम दिया है. बारह राशियों और...
View Articleइंदिरा गोस्वामी : अर्पण कुमार
आज इंदिरा गोस्वामी का जन्म दिन है. उनसे यह बातचीत अपर्ण कुमार ने कभी की थी. उन्हें याद करते हुए इस बातचीत का एक हिस्सा आपके लिये.इंदिरा गोस्वामी का जन्म जन्म 14 नवंबर 1943 को गुवाहाटी (असम) में हुआ. 29...
View Articleक़ुफ्र-ओ-ईमां के शायर पंडित हरिचंद अख़्तर : पंकज पराशर
‘ख़ुदा तो खैर मुसलमाँ था उससे शिकवा क्यामेरे लिए, मेरे परमात्मा ने कुछ न किया.’भारतीय मनीषा के लिये ईश्वर किसी खौफ़ का पर्याय कभी नहीं रहा. उसके होने को संशय से देखा जाता रहा है. और बड़ी बात यह है कि बड़ी...
View Articleपरख: उत्कोच (जयप्रकाश कर्दम) : सत्य प्रकाश
उत्कोच : जातिगत विषमता बनाम आर्थिक विषमता सत्य प्रकाश‘साहित्य राजनीति के आगे चलने वाली मशाल है.’ प्रेमचंद जब इस बात को कहते हैं, तब यह आवश्यक हो जाता है कि वर्तमान साहित्य की समीक्षा समाज की...
View Articleमंगलाचार : शालिनी मोहन की कविताएँ
शालिनी मोहन की कविताएँ सादगी सादगी को जब छुओगे तुमतुम्हारे हाथ आएँगे ढ़ेर सारे रंगसब अलग-अलगटेढ़ी-मेढ़ी, टूटी-फूटी रेखाएँउभर कर, स्पष्ट दिखने लगेंगीकिसी एक दिनजब तुम्हारा...
View Articleपरख: उत्कोच (जयप्रकाश कर्दम) : सत्य प्रकाश
कवि-कथाकार जयप्रकाश कर्दम का उपन्यास ‘उत्कोच’ इसी वर्ष राधाकृष्ण प्रकाशन से छप कर आया है. शोध छात्र सत्य प्रकाश ने इसकी समीक्षा लिखी है.उत्कोच : जातिगत विषमता बनाम आर्थिक विषमता सत्य...
View Articleमंगलाचार : आनंद गुप्ता की कविताएं
आनंद गुप्ता की कविताएं प्रेम में पडी़ लड़कीवह सारी रात आकाश बुहारती रहीउसका दुपट्टा तारों से भर गयाटेढे़ चाँद को तो उसनेअपने जूडे़ में खोंस लियाखिलखिलाती हुई वहरात भर हरसिंगार सी झरीनदी के...
View Articleमेघ-दूत : नजवान दरवीश की कविताएं (अनुवाद मंगलेश डबराल)
फिलिस्तीनी कवि नजवान दरवीश की कुछ कविताओं का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कवि मंगलेश डबराल ने किया है. फिलस्तीन के कवि नजवान दरवीश की कविताएं अनुवाद: मंगलेश डबराल आठ दिसम्बर को जन्मे नजवान...
View Articleमंगलाचार : आनंद गुप्ता की कविताएं
आनंद गुप्ता की कविताएं प्रेम में पडी़ लड़कीवह सारी रात आकाश बुहारती रहीउसका दुपट्टा तारों से भर गयाटेढे़ चाँद को तो उसनेअपने जूडे़ में खोंस लियाखिलखिलाती हुई वहरात भर हरसिंगार सी झरीनदी के...
View Articleउज्ज्वल तिवारी की कविताएँ
‘फूल खिलते रहेंगे दुनिया मेंरोज़ निकलेगी बात फूलों की’प्रेम की बातें प्रेम जितनी ही सघन होती हैं. प्रेम कविता में पुकारता है और देह उसे कविता की तरह सुनती है. अधिकतर कविताएँ/ कलाएं प्रेम की पुकार के...
View Articleकुछ नहीं । सब कुछ : निधीश त्यागी
कुछ नहीं । सब कुछ (कविताएं) कवि और प्रकाशकः निधीश त्यागीडिजाइनरः रूबी जागृतमूल्यः 499/-वरिष्ठ पत्रकार और कवि निधीश त्यागी के पहलेकविता संग्रह ‘कुछ नहीं । सब कुछ’ का विमोचन कल दिल्ली में है. समालोचन की...
View Articleउज्ज्वल तिवारी की कविताएँ
(पेंटिग : Zoe Frank)‘फूल खिलते रहेंगे दुनिया मेंरोज़ निकलेगी बात फूलों की’प्रेम की बातें प्रेम जितनी ही सघन होती हैं. प्रेम कविता में पुकारता है और देह उसे कविता की तरह सुनती है. अधिकतर कविताएँ/ कलाएं...
View Articleउपन्यास की वैचारिक सत्ता : आशुतोष भारद्वाज
कवि, रंग-समीक्षक, अनुवादक और संपादक नेमिचन्द्र जैन (१६ अगस्त-१९१९ : २४ मार्च २००५) का यह शती वर्ष है जिसके अंतर्गत उपन्यास, कविता, रंगमंच, संस्कृति, स्मृति-व्याख्यान आदि अनके समारोह हो रहे हैं....
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