मेघ-दूत : नजवान दरवीश की कविताएं (अनुवाद मंगलेश डबराल)
फिलस्तीन के कवि नजवान दरवीश की कविताएंअनुवाद: मंगलेश डबराल आठ दिसम्बर को जन्मे नजवान दरवीश (8 दिसंबर १९७८) को फिलस्तीन के कवियों की नयी पीढ़ी और समकालीन अरबी शायरी में सशक्त आवज हैं. महमूद दरवेश के...
View Articleपरख : पानी को सब याद था (अनामिका) : मीना बुद्धिराजा
पानी को सब याद था : अनामिकाप्रकाशक- राजकमल प्रकाशन, नई दिल्लीप्रथम संस्करण- 2019मूल्य- रू- 150वरिष्ठ कवयित्री अनामिका का नया कविता संग्रह ‘पानी को सब याद था’ इसी वर्ष राजकमल प्रकाशन से छप कर आया है. अब...
View Articleमेघ-दूत : नजवान दरवीश की कविताएं (अनुवाद मंगलेश डबराल)
फिलिस्तीनी कवि नजवान दरवीश की कुछ कविताओं का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कवि मंगलेश डबराल ने किया है. फिलस्तीन के कवि नजवान दरवीश की कविताएं अनुवाद: मंगलेश डबराल आठ दिसम्बर को जन्मे नजवान...
View Articleकुछ नहीं । सब कुछ : निधीश त्यागी
किताबः कुछ नहीं । सब कुछ (कविताएं) कवि और प्रकाशकः निधीश त्यागीडिजाइनरः रूबी जागृतमूल्यः 499/-वरिष्ठ पत्रकार और कवि निधीश त्यागी के पहलेकविता संग्रह ‘कुछ नहीं । सब कुछ’ का विमोचन कल दिल्ली में है....
View Articleजोकर (कहानी) : विवेक मिश्र
टॉड फिलिप्स के निर्देशन में बनी फ़िल्म ‘जोकर’ की चर्चा है और यह उम्मीद की जा रही है कि इसे इस वर्ष का ऑस्कर मिलेगा. मुझे हिंदी के कथाकार विवेक मिश्र की एक कहानी की याद आई जिसका शीर्षक जोकर है. हालाँकि...
View Articleगिरधर राठी : नाम नहीं (कविताएँ )
गिरधर राठी साहित्य अकादेमी की त्रैमासिक पत्रिका ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ के लम्बे समय तक संपादक रहें हैं. उनके चार कविता संग्रह, गद्य-पद्य की पन्द्रह कविताओं के अनुवाद, आलोचना आदि की कुछ पुस्तकें...
View Articleकथा- गाथा : वायु की सुई : अम्बर पाण्डेय
अम्बर पाण्डेय की यह तीसरी कहानी है, इसका कथ्य और शिल्प दोनों पिछली कहानियों से अलग है. लम्बे और जटिल वाक्यों का प्रयोग किया गया है. अवास्तविक लगता घटनाक्रम आज के ‘उत्तर-सत्य’ के यथार्थ का ही एक आयाम...
View Articleसंजय कुंदन की कविताएं
संजय कुंदन की कविताएं मॉब लिंचिंग के मृतक का बयान (मंगलेश डबराल से क्षमायाचना सहित) उस दिन जिसने मेरी कुंडी खटखटाई थीवह मेरा पड़ोसी था जो मेरे लिए हर समय थोड़ी सुरती बचाकर रखता थाऔर जिसने मां की गाली...
View Articleनिज घर : मेरे बडके बाबू – सबके पुजारी बाबा : सत्यदेव त्रिपाठी
उत्तर भारतीय ग्रामीण समाज को समझने के लिए राजनीतिक और सामजिक अध्ययन की कुछ कोशिशें हुईं हैं. साहित्य की आत्मकथा, जीवनी, संस्मरण आदि विधाएं इस सन्दर्भ में उपयोगी हैं. रंग-आलोचक सत्यदेव त्रिपाठी इधर...
View Articleसंजय कुंदन की कविताएं
कविता कवि और उसके परिवेश के बीच आकार लेती है. समर्थ कविताएँ अपने समय से टकराती हैं, बहुस्तरीय, दृश्य-अदृश्य, और जटिल सत्ताओं को समझने का प्रयास करती हैं. सत्ता ही राजनीति है. सभी कविताएँ इस अर्थ में...
View Articleओल्गा टोकार्चूक (Olga Tokarczuk ) : साहित्य का नोबेल
२०१९ के नोबेल के लिए जब ओल्गा टोकार्चूक (Olga Tokarczuk)की घोषणा हुई तो पहली प्रतिक्रिया यही हुई कि अरे इन्हें तो २०१८ का बुकर पुरस्कार मिला था. जिस तरह से ‘सलमान रुश्दी’ से भारतीय परिचित हैं ओल्गा से...
View Articleएक दिन का समंदर : हरजीत : प्रेम साहिल
‘जिस से होकर ज़माने गुज़रे होंबंद ऐसी गली नहीं करते.’शायर हरजीत सिंह की यादें अधूरे प्रेम की तरह टीसती रहती है. उनके असमय निधन ने हिंदी ग़ज़ल की दुनिया को वीरान कर दिया. तेजी ग्रोवर हरजीत सिंह के...
View Articleओल्गा टोकार्चूक (Olga Tokarczuk) : साहित्य का नोबेल
२०१९ के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए जब ओल्गा टोकार्चूक (Olga Tokarczuk) के नाम की घोषणा हुई तो पहली प्रतिक्रिया यही थी कि अरे इन्हें तो २०१८ का बुकर (इंटरनेशनल) पुरस्कार मिला था. जिस तरह से ‘सलमान...
View Articleकथा-गाथा : पुनश्च : नरेश गोस्वामी
नरेश गोस्वामी के कथाकार ने अपने लिए जो प्रक्षेत्र चुना है वह पढ़े लिखे आदर्शवादी युवाओं के मोहभंग और उनकी यातनाओं का है. यह ऐसा इलाका है जो वर्षों से लहूलुहान है और अभी भी वहां रक्तपात इसी तरह जारी है....
View Articleमेघ-दूत : मार्केस : मैं सिर्फ़ एक फ़ोन करने आई थी (अनुवाद-विजय शर्मा)
मार्केस की कहानियों का जादुई यथार्थ यथार्थ को उसकी सम्पूर्ण निर्ममता और विडम्बना के साथ प्रस्तुत करता है. चीजें जिस तरह से जटिल और क्रूर होती गयी हैं उन्हें व्यक्त करने का यह एक साहित्यिक तरीका था जिसे...
View Articleकथा-गाथा : पुनश्च : नरेश गोस्वामी
नरेश गोस्वामी के कथाकार ने अपने लिए जो प्रक्षेत्र चुना है वह पढ़े लिखे आदर्शवादी युवाओं के मोहभंग और उनकी यातनाओं का है. यह ऐसा इलाका है जो वर्षों से लहूलुहान है और अभी भी वहां रक्तपात इसी तरह जारी है....
View Articleजोकर (Joker) : सत्यदेव त्रिपाठी
‘जोकर’ : शोषण एवं उससे विद्रोह की प्रक्रिया का रूपक सत्यदेव त्रिपाठी फिल्म में आर्थर फ्लेक नामक ‘जोकर’ के रूप में नायक बने जौक़िन फोयनिक्स का अद्भुत अभिनय देखकर मैं 15-20 मिनटों में ही उसका दीवाना हो...
View Articleपाब्लो नेरूदा की सात कविताएँ : अनुवाद मंगलेश डबराल
दुनिया में जिन कवियों को विश्व-कवि और महाकवि का दर्ज़ा मिला है, उनकी अग्रणी पंक्ति में पाब्लो नेरूदा शुमार किए जाते हैं. उनका जन्म (वास्तविक नाम: रिकार्दो एलिसेर नेफ्ताली रेयेस नासोआल्तो) 12 जुलाई 1904...
View Articleन तो मैं कुछ कह रहा था : रुस्तम सिंह की कविताएँ.
आधुनिक हिंदी कविता में प्रकृति, पर्यावरण और मनुष्यइतर जीवन आते रहे हैं, पूरी कविता के रूप में भी. रुस्तम सिंह के के यहाँ ये संग्रह की शक्ल में आयें हैं. लगभग सभी कविताएँ अपने केंद्र में प्रकृति को धारण...
View Articleपाब्लो नेरूदा की सात कविताएँ : अनुवाद मंगलेश डबराल
दुनिया में जिन कवियों को विश्व-कवि और महाकवि का दर्ज़ा मिला है, उनकी अग्रणी पंक्ति में पाब्लो नेरूदा शुमार किए जाते हैं. उनका जन्म (वास्तविक नाम: रिकार्दो एलिसेर नेफ्ताली रेयेस नासोआल्तो) 12 जुलाई 1904...
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