भाष्य : लड़कियों के बाप (विष्णु खरे) : शिव किशोर तिवारी
(फोटो : सौजन्य से मनीष गुप्ता)कवि विष्णु खरे की कविताओं में ‘लड़कियों के बाप’ कविता का ख़ास महत्व है, यह हिंदी की कुछ बेहतरीन कविताओं में से एक है. आज भी जब हम विष्णु खरे के कवि रूप की चर्चा करते हैं यह...
View Articleरंग-राग : मंटो जल बिच मीन पियासी रे : यादवेन्द्र
सआदत हसन मन्टो (११ मई १९१२- १९५५) उर्दू ही नहीं विश्व के कुछ बड़े कथाकारों में एक हैं, बटवारे के बाद पाकिस्तान चले गये, जहाँ मुफलिसी और गुमनामी में उनकी मौत हुई. आज भी उन्हें हिंदुस्तान का ही कथाकार...
View Articleरंग-राग : मंटो : नीम का कड़वा पत्ता : सत्यदेव त्रिपाठी
नंदिता दास की फ़िल्म मंटों पर आपने यादवेन्द्र का विचारोत्तेजक आलेख पढ़ा, आज प्रस्तुत है सत्यदेव त्रिपाठी की यह विवेचना जो इस फिल्म की मुकम्मल पड़ताल करती है. सत्यदेव त्रिपाठी हिंदी में रंगमंच और फिल्मों...
View Articleसवाई सिंह शेखावत की कविताएँ
सवाई सिंह शेखावत (फरवरी १३, १९४७) के आठवें कविता संग्रह ‘निज कवि धातु बचाई मैंने (२०१७) को इस वर्ष राजस्थान साहित्य अकादमी के मीरा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. शेखावत राजस्थानी भाषा में भी लिखते...
View Articleरंग- राग : सुई-धागा : सारंग उपाध्याय
समानांतर फिल्मों के दौर में निम्नमध्यवर्गीय कथानकों को आधार बनाकर निर्मित यथार्थवादी सिनेमा पुरानी पीढ़ी के दर्शकों ने देखा है. आज मुख्यधारा की सिनेमा के बीच ‘ऑफ बीट’ सिनेमा ने भी कुछ सार्थक फ़िल्में...
View Articleप्रेमशंकर शुक्ल की कविताएँ
कला अनुशासनों पर आधारित कविताओं का संग्रह ‘जन्म से ही जीवित है पृथ्वी’ प्रेमशंकर शुक्ल का पांचवाँ कविता संग्रह है. प्रेमशंकर शुक्ल मुख्यत: प्रेम के शुक्ल पक्ष के कवि हैं. उनकी कविता की जमीन प्रेम की...
View Articleपरख : तीतर फांद (कहानी संग्रह) : सत्यनारायण पटेल
'गाँव भीतर गाँव' उपन्यास से चर्चित कथाकार सत्यनारायण पटेल का चौथा कहानी संग्रह 'तीतर फांद'इस वर्ष आधार प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. इसमें उनकी सात कहानियाँ शामिल हैं.परख रहीं हैं रीता राम दास.वक़्त से...
View Articleसंतोष अर्श की कविताएँ
(पेंटिग: लाल रत्नाकर)युवा संतोष अर्श शोध और आलोचना के क्षेत्र में जहाँ ध्यान खींच रहे हैं वहीँ उनकी कविताएँ भी अपनी पहचान निर्मित कर रहीं हैं. भाव और भाषा को लेकर उनकी काव्य-प्रक्रिया उन्हें सुगठित और...
View Articleसबद भेद : छायावादी विषाद-तत्त्व : मिथक और यथार्थ : रवि रंजन
यह छायावाद का शताब्दी वर्ष है. १९१८ से २०१८ के इन सौ वर्षों में छायावाद की कविताओं को लेकर शताधिक अकादमिक कार्य हुए हैं पर अभी भी बहुत कुछ ख़ास नहीं हुआ है. छायावाद मूलत: मुक्ति और आशा का काव्य है....
View Articleरंग-राग : नवें जागरण फिल्मोत्सव से एक दर्शक : सत्यदेव त्रिपाठी
जागरण फिल्मोत्सव-2018 (मुम्बई) में सत्यदेव त्रिपाठी ने तीन दिनों में अठारह फिल्में देख डालीं.जिनमें से ‘डेविल’, ‘साधो’, ‘करीम मोहम्मद’,‘अश्वथामा’, ‘तर्पण’,‘पंचलाइट’,‘माई डीयर वाइफ’‘कुछ देर और’ ‘नाच...
View Articleकथा- गाथा : मानपत्र : संजीव
उस्ताद अलाउद्दीन खां की बेटी अन्नपूर्णा के योग्य शिष्यों में हरिप्रसाद चौरसियाजैसे महान संगीतकार शामिल हैं. वह खुद सुर-बहार बजाती थीं. भारत-रत्न रविशंकर से उनका प्रेम विवाह हुआ था. उनका जीवन एक सतत...
View Articleमंगलाचार : दीपक जायसवाल (कविताएँ)
दीपक जायसवाल (जन्म : ७ मई १९९१, कुशीनगर) दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में गोल्डमेडलिस्ट हैं (परास्नातक) और वहीं से शोध कार्य (पीएच. डी) भी कर रहे हैं. उनकी दो किताबें प्रकाशित हैं– ‘कविता में...
View Articleव्यक्तिगत भी राजनीतिक है : कैरोल हैनिच (अनुवाद अपर्णा मनोज)
जब कोई विचार समय की आवश्यकताओं को अचूक ढंग से अभिव्यक्त करने लगता है तब वह नारे में बदल जाता है जैसे ‘स्वतन्त्रता, समानता और बन्धुत्व’, ‘संसार के मजदूरों एक हो’, ‘अंग्रेजों भारत’ छोड़ों आदि. १९७० के आस...
View Articleकथा- गाथा : विप्लवी : निवेदिता
निवेदिता रंगकर्मी, पत्रकार और एक्टिविस्ट के साथ-साथ कवयित्री भी हैं, उनके दो कविता संग्रह ‘ज़ख्म जितने थे’और ‘प्रेम में डर’प्रकाशित हैं. स्त्री मुद्दों पर वह लेखन से लेकर प्रदर्शन तक अनवरत, अनथक...
View Articleमंगलाचार : विनिता यादव (कविताएँ)
बमुश्किल २० साल की विनिता यादव फिलहाल मूर्तिकला और चित्रकला में कौशल हासिल कर रही हैं, पेंटिग बना रहीं हैं, कविताएँ लिख रहीं हैं. अन्य कलाओं से सम्बद्ध कवियों की कविताओं में कुछ खूबियाँ अलग से नज़र आती...
View Articleकथा - गाथा : बावड़ी : कविता
भारतीय समुदाय भी पुरुषवादी समुदाय है, जैसे दूसरे समुदायों ने अपनी गलतियों से सीखते हुए बेहतर, न्यायप्रिय और तार्किक समाज की स्थापना की है और कई इस प्रक्रिया में हैं, वैसे ही जेंडर को लेकर भारतीय समाज...
View Articleसविता भार्गव की कविताएँ
(यह अद्भुत फोटो विश्व प्रसिद्ध फोटोग्राफर H. C . Bresson द्वारा Romania में 1975. में कहीं लिया गया था. आभार के साथ)राजकमल प्रकाशन संस्थान से प्रकाशित कविता संग्रह ‘अपने आकाश में’ (२०१७) की कविताएँ...
View Articleपरख : फोटो अंकल (कहानी संग्रह) : प्रेम भारद्वाज
२०१८ में राजकमल प्रकाशन संस्थान से प्रकाशित प्रेम भारद्वाजके कहानी संग्रह की समीक्षा मीना बुद्धिराजा की कलम से. मानवीय संवेदनाओं की त्रासदी का दस्तावेज़ मीना बुद्धिराजाकहानी...
View Articleकथा-गाथा : बंद कोठरी का दरवाज़ा : रश्मि शर्मा
(पेंटिग : Raphael Perez : आभार के साथ)“एक आदमी को मेरी सौत बना दिए तुम तो...”(इसी कहानी से)एलजीबीटी समुदाय (lesbian, gay, bisexual, and transgender) को केंद्र में रखकर लिखी गई कहानियों में इस्मत...
View Articleमेघ-दूत : द बेल रिंगर : जॉन बर्नसाइड
अंग्रेजी साहित्य के समकालीन कवि, लेखक और पर्यावरणविद जॉन बर्नसाइड की कहानी "द बेल रिंगर"का अनुवाद यादवेन्द्र ने हिंदी में किया है और एक सुंदर टिप्पणी भी लिखी है. यह दोनों आपके लिए.मार्च 2008में "द न्यू...
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